लोकसभा चुनाव 2024
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चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि कथित रिश्वतखोरी और मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालने के आरोप में भाजपा उम्मीदवार के. सुधाकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 4.8 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की गई. सुधाकर चिक्कबल्लापुरा से वर्तमान भाजपा उम्मीदवार हैं, जहां शुक्रवार मतदान हुआ है.
आदालत ने अपने फैसले में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ईवीएम में सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने पर सिंबल लोडिंग यूनिट को सील कर दिया जाना चाहिए और और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए.
बीते सप्ताह के आखिर में मध्य गाजा के ख़ान यूनिस के नासेर अस्पताल और उत्तरी इलाक़े में स्थित ग़ाज़ा सिटी के अल-शिफ़ा अस्पताल के मैदानों में सैकड़ों शव बरामद किए गए, जिन्हें ज़मीन में दबाए जाने के बाद उन स्थानों को कूड़े-कचरे से ढक दिया गया था.
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के पूर्व साथी और वकील जय अनंत देहाद्राई ने मोइत्रा पर सोशल मीडिया के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया था.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल में होने जा रहा मुक़ाबला न केवल भाजपा, बल्कि विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है. भाजपा ने आज तक राज्य में कोई संसदीय सीट नहीं जीती है, वहीं केंद्र में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को 'इंडिया' गठबंधन के बैनर तले चुनौती देने की बात करने वाले विपक्षी दल केरल में एलडीएफ और यूडीएफ में बंटकर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
वीडियो: पिछले दस बरस देश की विभिन्न संस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं. नरेंद्र मोदी के पिछले दस सालों के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश किस राह पर चले, संविधान के अभिभावक संवैधानिकता की कितनी रक्षा कर पाए, इस बारे में क़ानूनी मामलों पर लिखने वाले पत्रकार सौरव दास से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.