लोकसभा चुनाव 2024
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लोकसभा चुनाव के प्रचार के कई भाजपा नेता संविधान बदलने के लिए बहुमत हासिल करने की बात दोहरा चुके हैं. उनके ये बयान नए नहीं हैं, बल्कि संघ परिवार के उनके पूर्वजों द्वारा भारतीय संविधान के प्रति समय-समय पर ज़ाहिर किए गए ऐतराज़ और इसे बदलने की इच्छा की तस्दीक करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते हफ्ते 21 से 25 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में ली गईं चुनाव सभाओं में जो भाषण दिए गए, उनको लेकर स्क्रॉल ने एक फैक्ट-चेक में पाया है कि इस दौरान उन्होंने लगातार कांग्रेस के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने का काम किया है.
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की बीकानेर इकाई के ज़िलाध्यक्ष उस्मान ग़नी बीते दिनों तब सुर्खियों में आए थे जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वह बांसवाड़ा की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गईं टिप्पणियों की आलोचना करते नज़र आ रहे थे. इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
मृत सीबीआई अधिकारी की पहचान पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत शर्मा के रूप में हुई है. वह जम्मू-कश्मीर से 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिछले चार वर्षों में सामने आए कई घोटालों की जांच का नेतृत्व कर रहे थे.
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश ने अपने ही एक पुराने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर कोई गलती करता है और एक बार जब आपको पता चल जाए कि गलती हो गई है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत इस तथ्य को स्वीकारें कि आपने गलती की है और इसे बदलने का प्रयास करें.
भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई उत्तर मध्य सीट से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीती थीं, लेकिन इस बार पार्टी ने मुंबई के 26/11 हमले और 1993 के बम धमाकों में सरकारी वकील रहे उज्जवल निकम को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पूर्व सिविल सेवकों के 'संवैधानिक आचरण समूह' ने सांप्रदायिक घृणा, हिंसा, चुनाव और मतदान, मौलिक अधिकारों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पत्र लिखे हैं. किताब के रूप में उन पत्रों का संचयन इस डराऊ-धमकाऊ समय में निर्भय, जागरूक साहस और असहमति का दस्तावेज़ है.
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जलवायु एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर सवाल किया कि ट्रोल्स के पास उनके एनजीओ की 25 साल पुरानी जानकारी, जो सिर्फ उनके और गृह मंत्रालय के पास है, कैसे पहुंची.