कालका मंदिर पर चल गया बुलडोजर

मंदिर तोड़ विकास !!
कालका मंदिर पर चल गया बुलडोजर
मौलवी इस्लाम का प्रचारक होता है
पुजारी पेट पालता है, पुजारी का आम सरोकार होता नहीं
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दिल्ली के कडकडडूमा कोर्ट के पास प्रसिद्ध कालका मंदिर तोड दिया गया, उस बुलडोजर चल गया। हिन्दूवादियों की कोशिशें असफल हुई। मंदिर को बचाने के लिए बीस हिन्दू भी नहीं पहुंचे। जबकि मनोज राघव जैसे हिन्दूवादियो ने पूरी दिल्ली को अगाह किया था।
मुझे भी आक्रोश है। समस्या अपने घर में हैं। मौलवी इस्लाम का प्रचारक होता है, वह मस्जिद से बाहर भी जाकर सबको एकत्रित करता है, संगठित रखता है, इस्लाम के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है जबकि पूजारी सिर्फ कर्मकांड और चढावे में ही व्यस्त रहता है, आम हिन्दुओ से उसका सरोकार नहीं होता है, हिन्दू धर्म से उसका कोई खास लगाव नहीं होता है, वह निचले वर्ग से घृणा भी करता है। अगर पूजारी हिन्दुत्व के लिए प्रेरित करने का काम करे और हिन्दुत्व के प्रति आस्था जगाये तो फिर मंदिर पर बलिदान होने के लिए सैकडों लोग सामने होंगे। कडकाडूमा कोर्ट का कालका जी मंदिर इसका उदाहरण है बचाने कोई आया नहीं। मंदिर टूटेन से कैसे बचेगे, मंदिर हिन्दू आस्था का केन्द्र कैसे बन सकते है, इस पर मेरा एक स्पीच और अभियान शुरू होगा।

जातिवादी लोग इस पोस्ट से दूर रहें?

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